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और अब हमारे पास नई दिल्ली, भारत की मीरा से दिल की बात है:नमस्ते, मैं नई दिल्ली, भारत से हूँ। मैं 53 वर्षीय महिला हूं। मेरे बेटे को लगभग एक वर्ष पहले महान जीवित गुरुवर, सुप्रीम मास्टर चिंग हाई जी से दीक्षा मिली थी। उनसे मुझे गुरुवर के बारे में पता चला और मैं यूट्यूब वीडियोज़ पर उनको सुन रही हूँ। मैं भी गुरुवर से दीक्षा लेने के लिए इच्छुक हूं।21 सितम्बर को, जब मैं अपनी नियमित दिनचर्या के लिए पार्क जा रही थी, तो कुछ अजीब घटना घटी। पार्क के पास रास्ते में मैंने देखा कि लगभग मेरी ही उम्र की एक महिला (स्थानीय महिला की तरह कपड़े पहने हुए) मुस्कुराती हुई और स्नेही व्यक्तित्व के साथ मेरी ओर आ रही थी और कुछ कह रही थी। पहले तो मुझे लगा कि वह मेरे पीछे चल रहे किसी व्यक्ति से बात कर रही है, लेकिन जब मुझे एहसास हुआ कि मेरे पीछे कोई नहीं है, तो मैंने सोचा कि शायद वह ईयरफोन लगाकर किसी से बात कर रही होगी। तभी मैंने देखा कि उन्होंने इयरफोन भी नहीं लगाई थी और वह सीधे मेरी ओर आ रही थी। फिर उन्होंने मुझे अंग्रेजी में कुछ बताया, लेकिन चूंकि मैं उन्हें ठीक से सुन नहीं सकी, इसलिए मैंने उनसे पूछा:मैं: क्या?वह: मैं आपको पसंद करती हूं क्योंकि आप दूसरों से प्यार करते हो।मैं: मैं आपको समझी नहीं।वह: मुझे वे लोग पसंद हैं जो दूसरों से प्रेम करते हैं।मैं: आपको कैसे पता कि मैं दूसरों से प्यार करती हूँ?वह: आपके चेहरे पर चमक देखो।मैं: (मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि मेरे चेहरे पर कोई विशेष चमक नहीं है)। धन्यवाद, लेकिन मैं आपको पहचान नहीं पा रही हूँ। मैंने आपको पार्क में कभी नहीं देखा।वह: मैं यहीं हूँ। मैं हमेशा यहीं हूं। कभी-कभी लोग मुझे अनदेखा कर देते हैं और कभी-कभी मैं भी लोगों को अनदेखा कर देती हूँ। मैं हमेशा यहीं हूं।मैं हैरान थी, पार्क में गई और वहां टहलने लगी, लेकिन मेरा मन लगातार हमारी बातचीत पर ही लगा हुआ था। चूँकि उनके शब्द मुझे बहुत अजीब लग रहा था, इसलिए मुझे आश्चर्य हुआ कि वह ऐसा क्यों कह रही थी। बाद में मुझे एहसास हुआ कि ईश्वर प्रकट हुए थे और उन्होंने मुझे एक स्त्री के रूप में दर्शन दिये थे। मेरे गालों पर आँसू बहने लगे कि परम ईश्वर ने मुझे दर्शन दिए थे, और मैं उन्हें समझ नहीं सकी। मैं बहुत धन्य और भाग्यशाली महसूस कर रही थी।कुछ समय बाद जब मैंने अपने बेटे को इस घटना के बारे में बताया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह बेशक महान सुप्रीम मास्टर चिंग हाई जी ही होंगे और कोई नहीं। यदि यह सच है, तो मेरे पास गुरुवर को धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द नहीं हैं कि वे इतनी दूर से मेरे पास नई दिल्ली, भारत में आये। वह कितनी महान हैं, वह हमारे प्रत्येक विचार को जानती है, और वह स्वयं को किसी भी व्यक्ति के रूप में प्रकट कर सकती हैं। वह वास्तव में एक महान गुरुवर हैं। मैं अपनी दीक्षा का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, हालांकि मैं दिल से जानती हूं कि उन्होंने मुझे पहले ही स्वीकार कर लिया है। मीरा, नई दिल्ली, भारत सेधन्य मीरा, ईश्वर के साथ अपने संबंध को जानने का आनंद शब्दों से परे है। इसके लिए, हम अपने परम प्रिय एवं सर्वव्यापी सुप्रीम मास्टर चिंग हाई जी (वीगन) के प्रति शाश्वत आभार व्यक्त करते हैं, जो हमेशा हमारे साथ रहते हैं, हमें प्यार करते हैं और हमारी घर वापसी की यात्रा में हमारा साथ देते हैं। इस विशेष अनुभव को बताने के लिए हमारी सराहना। कामना है कि आप, आपके दयालु पुत्र और शुद्ध हृदय वाले भारतीय लोगों पर ईश्वरीय कृपा सदा बनी रहे। दिव्य शांति में, सुप्रीम मास्टर टीवी टीम